Sunday, October 31, 2010

किस्मत बनाम मेहनत: आज का दिन गवाह

Exam सुबह नौ बजे शुरू होना था और पौने नौ बजे नींद खुली| आराम से फ्रेश हुआ, बाल गीले किये, कॉलेज की uniform पहनी और परीक्षा स्थल पर सही समय पर पहुँच गया| जाकर अपनी पर्ची उठानी थी| मैं सोच रहा था की querry और trigger के अलावा कुछ भी आ गया तो कर लूँगा पर इन दोनों में से कुछ आ गया तो दिक्कत हो जायेगी| मुझसे आगे नौशाद खड़ा था और वो अपनी पर्ची ले चुका था| मेरी बारी आयी| मेरे सामने लगभग बीस पर्चियां पड़ी थीं| मैंने मन ही मन दो पल तक तो कुछ सोचा| फिर हाथ बढ़ा दिया| पहले सबसे ऊपर वाली पर्ची पर हाथ लगाया| पर अचानक पता नहीं क्या हुआ कि ख़याल आया "बीच का रास्ता हमेशा सही होता है" और सबसे बीच में से एक पर्ची निकाल ली| खोल कर देखा तो वो querry निकली|